इसके पश्चात राजीव गांधी प्रधानमंत्री बनने पर सरकार ने शिक्षा का सर्वेक्षण करवाया और उसे शिक्षा की चुनौती नीति संबंधी परिपेक्ष नाम से अगस्त 1983 में प्रकाशित किया।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति दस्तावेज मई 1986 में प्रकाशित किया गया और इस शिक्षा नीति की घोषणा के बाद नवंबर 1986 में इसकी कार्ययोजना दस्तावेज़ प्रकाशित किया गया।
शिक्षा नीति 1986 का प्रमुख उद्देश्य था सभी को समान शिक्षा।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 का दस्तावेज 12 भागों में विभाजित है-
- भूमिका
- शिक्षा का सार तथा भूमिका
- राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली
- समानता के लिए शिक्षा
- विभिन्न स्तरों पर शिक्षा का पुनर्गठन
- तकनीकी एवं प्रबंधकीय शिक्षा
- प्रणाली को कार्यशील बनाना
- विषय सामग्री तथा प्रक्रिया का नवीनीकरण
- शिक्षक
- शिक्षा का प्रबंधन
- साधन एवं पुर्ननिरीक्षण
- भविष्य
शिक्षा के आधुनिकीकरण और आईटी की भूमिका की मुख्य बात इसमें कही गई।
शिक्षा का पुनर्गठन बचपन की देखभाल महिला सशक्तिकरण और वयस्क साक्षरता पर अधिक ध्यान दिया गया ।
राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली पूरे देश में लागू करने की बात कही गई 10 + 2+ 3 शिक्षा संरचना लागू की जाए।
शिक्षा का विकेंद्रीकरण किया जाए केंद्र में भारतीय शिक्षा सेवा, प्रांत में प्रांतीय शिक्षा सेवा और जिले में जिला शिक्षा परिषद की स्थापना की जाए।
कुल बजट का 6% शिक्षा के लिए तय करने का प्रावधान रखा जाए।
सभी स्तरों का पुनर्गठन किया जाए प्रारंभिक शिक्षा, निरौपचारिक शिक्षा, ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड लागू करने की बात कही गई ।
Operation black board के अंतर्गत प्राथमिक विद्यालयों की न्यूनतम आवश्यकताओं दो कमरों का भवन ,फर्नीचर,शिक्षण सामग्री,पुस्तकालय सामग्री ,खेल सामग्री कम से कम 2 शिक्षक प्रत्येक विद्यालय में नियुक्त होने चाहिए।
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड माध्यमिक शिक्षा में सुधार तथा नवोदय विद्यालय की स्थापना की पूरी रूपरेखा प्रस्तुत की गई ।
नए मुक्त विश्वविद्यालयों की स्थापना का सुझाव रखा गया और इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय की कार्यक्रमों की विस्तार की बात कही गई।
(इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय की स्थापना 1985 में हुई थी )।
देश में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद तथा राज्य में तकनीकी शिक्षा परिषद बोर्ड को सुदृढ़ करने की बात कही गई ।
1990 तक प्राथमिक शिक्षा को सर्व सुलभ बनाए जाने की बात कही गई जिसमें 1 किलोमीटर के अंतर्गत 1 प्राथमिक स्कूल खोले जाने की बात कही गई।
1995 तक 11 से 14 आयु वर्ग के बच्चों के लिए शत प्रतिशत सुलभ शिक्षा की बात कही गई।
1995 तक व्यवसायिक वर्ग में 25% छात्र छात्राओं छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर पाएंगे ऐसी बात कही गई।
प्रत्येक जिले में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान डाइट की स्थापना की गई जाएगी।
इसके पश्चात नई सरकार के आते ही प्रधानमंत्री श्री विष्णु प्रताप सिंह ने 1990 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 की समीक्षा के लिए एक समिति गठित की जिसके अध्यक्ष आचार्य राममूर्ति थे। आचार्य राममूर्ती समिति 1990।
जिसका प्रमुख कार्य था 1986 की नीति की समीक्षा करना संशोधन हेतु सुझाव देना संशोधित नीति का क्रियान्वयन हेतु सुझाव देना।
इसके पश्चात पुनः कांग्रेस सत्ता में आई तो 1986 में जनार्दन रेड्डी समिति 1992 में गठित की गई।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 में संशोधित शिक्षा नीति 1992 में लाई गई।
operation blackboard योजना प्राथमिक स्तर पर 1987 में लागू की गई।
operation blackboard योजना उच्च प्राथमिक स्तर पर 1992 में लागू की गई।
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