हम कितना कुछ सीखना चाहते हैं गिटार बजाना, हारमोनियम, पियानो बजाना, पेंटिंग स्केचिंग, लेखन,डांस,तैराकी, न जाने कितने ऐसे शौक होते हैं जिन्हें हम पूरा करना चाहते हैं। मुझे यह सीखना है, वह सीखना है, पर हमेशा समय कहां मिल पाता है। यह सोचकर हमारा न जाने कितना समय ऐसे ही निकल जाता है। पिछ्ले कुछ दिनों लॉक डाउन के दौरान बहुत सारी पुस्तकों को समझने का मौका मिला। ऐसे ही एक पुस्तक जॉश कॉफमैन की 'द फर्स्ट 20 आवर्स', जिसमें यह बताया गया कि किसी भी स्किल को सीखने में 20 घंटे का समय देने से आसानी से सीखा जा सकता है।
स्वयं लेखक ने इस नियम से कई सारी स्किल्स सीखी हैं। मेरे दिमाग में कई सारी बातें आई। मुझे हारमोनियम बजाना सीखना है, कोई नई भाषा सीखनी है, पेंटिंग- ड्राइंग सीखनी है। अंत में काफी सोचने के बाद मैंने सोचा मैं स्केचिंग सीखूगी। बुक में दिए गए पांच सिद्धांतों पर विचार किया। स्केचिंग करनी थी साधन, सीमित पेंसिल और पेपर! पुस्तक में दिये गये 5 सिद्धांत यह थे-
1- लक्ष्य निर्धारण
2-स्किल को छोटे-छोटे कौशल में बांटना
3-जितनी जरुरत हो उतनी रिसर्च
4- रुकावटों को दूर करना
5-20 घंटे का अभ्यास।
पहले सिद्धांत लक्ष्य निर्धारण में हमें यह ध्यान देना होता है कि हमें क्यों सीखना है और कितना सीखना है? इन्हें किसी भी स्किल का बहुत विस्तार होता है। हमें उसमें से एक सीमा का निर्धारण करना होगा। जैसे अगर कोई गिटार बजाना सीखना चाहता है तो वह 4,5 सॉन्ग सेलेक्ट कर ले। जिन पर वह गिटार बजाना सीखेगा। और कितना और क्यों सीखना है? हमें क्या प्रोफेशनल प्रोफेशनल आर्टिस्ट बनना है या फिर हमें यह काम बस शौक के लिए करना है । हम अपने दोस्तों के साथ मौज मस्ती के लिए सीख रहे हैं।लक्ष्य निर्धारित करें। इससे किसी लक्ष्यों का निर्धारण कर सकते हैं। मैंने सोचा कि क्यों न मैं पोर्टरेट स्केचिंग करुँ। मैंने ज्यादा कुछ नहीं सोचा बस यह कि मैं इसको बस 20 घंटे करके देखती हूं। क्या पता यह सच में हो जाए?
2- स्किल को छोटी-छोटी सब स्किल में बांटना-
कोई भी जो कौशल होता है उसकी बहुत सारे कई कौशलों से मिलकर बना होता है।उसमें से कुछ कौशलों के द्वारा हम उस काम को आसानी से कर सकते हैं । उसके बाद मैने जो सोचा यह था स्केचिंग ।स्केचिंग में बहुत कुछ आता है, लेकिन मैंने उसमें से सिर्फ पोर्टरेट पर फोकस किया और उसी पर काम किया।
3-रिसर्च सिर्फ उतनी ही करो जितनी तुम्हें जरुरत हो- स्किल में किया गया अभ्यास रिजल्ट देगा। लेखक दो समूहों के उदाहरण देते हैं ।जिसमें से पहले समूह को लर्निंग बाई डूइंग से पॉट बनाना सीखने को कहा गया दूसरे समूह को किताबें दी गयी और फ़िर पॉट बनवाये गये।रिजल्ट यह रहा कि पहला समूह ज्यादा अच्छे और अधिक संख्या में पॉट बना पाया। मेरे पास कोई मेंटर नहीं था तो मैंने यू टयूब की मदद से थोड़ा बहुत वीडियोज़ देखे और अपना काम शुरू कर दिया।
4-रुकावटों को दूर करना-
यदि 40 मिनट भी समय एक दिन में दें तो 1 महीने में 20 घण्टे का समय हो जाता है ।इस 40 मिनट के दौरान tv ,फोन अन्य किसी भी ऐसी चीज से दूर रहना है जो हमारे फोकस को कम करे।कोशिश ऐसी करें जिससे हमें थकावट महसूस ना हो।जब मैं काम कर रही थी तो कभी पूरा समय नहीं दे पायी तो 20 या 30 मिनट जरुर काम किया,पर लगभग हर दिन अभ्यास किया।
5- 20 घंटे का अभ्यास -
शुरुआती अभ्यास कुछ ऐसा रहा
इस काम को 20 घंटे का समय देना है। जब 20 घंटे अभ्यास के लिए तैयार होते हैं तो हम सोचते हैं कि यदि यह काम होगा तो हम इसको सीख जाएंगे या फिर हमें लगता है कि यह इतना जरुरी नही हैं कि हम इस काम को 20 घंटे का समय दें।इसका मतलब यह काम हमारे लिए इतना जरूरी नहीं है ।इस तरीके से हम यह भी जान सकते हैं कि कौन से हमारे रियल ड्रीम्स हैं, जिन्हें हासिल करना चाहते हैं और कौन से ऐसे हैं जो सिर्फ हम सोचते हैं कि अगर यह सीख दिया होता तो अच्छा होता। 20 घंटे देने के बाद मुझे थोड़ा सा विश्वास आया है कि हां मैं कर सकती हूं। मुझे लगता है कि यह सिर्फ एक शुरुआती बिन्दु है। इसके बाद एक लंबा सफर शुरू होता है। लेकिन यह निश्चित रूप से काम करता है। जब मैं पहले दिन और आज मैं देखती हूं तो मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा है । 20 घंटे में मैने अलग-अलग जैसे बन पाये पोर्टरेट बनाए ।अन्तिम 20 वें घण्टे में जब मैने अभ्यास किया तो मैंने उस महिला की शक्ल बनाई जिसको पहाड़ की बेटी नाम से जानते हैं ,भारत की पहली महिला जिन्होंने एवरेस्ट फतह किया बछेन्द्री पाल!
मैं परफ़ेक्ट नहीं हूँ, एक यात्रा पर हूँ जिसका आनन्द ले रही हूँ और आपके साथ साझा कर रही हूँ।
कहते हैं सीखने की कोई उम्र नहीं।आओ! कुछ नया सीखते हैं।
Very nice dear, keep it up.
ReplyDeleteअति सुन्दर... एवम् बिल्कुल सत्य लेखन
ReplyDeleteधन्यवाद ।।
Deleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteधन्यवाद
Deleteवाह अप्रतिम धन्यवाद जोश ऊर्जा सकारात्मकता शेयर करने के लिए वाह बेहतरीन
ReplyDeleteआप ऐसा सोचते हो ,,आभार
Deleteबहुमुखी प्रतिभा, शानदार अनुकरणीय
ReplyDeleteसिर्फ कोशिश है एक ,,,,धन्यवाद आपका
Deleteबहुत सुंदर...😍😍😍
ReplyDeleteJst perfect as u r ..
अच्छा!!!!!!शुक्रिया
DeleteMade the point!
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ReplyDeleteअति सुंदर तुम बहुत काबिल हो ।
ReplyDeleteप्रणाम चाची🙏🙏🙏
DeletePurpose, Target'plan,practice with focus,consistency and perfection, hardwork and the result is visible there.it is inspiring...
ReplyDeleteधन्यवाद सर जी आपने इतनी गहराई से समझा इसको।
Deleteसराहनीय
ReplyDeleteधन्यवाद,,,।
Deleteसराहनीय
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया मैम।
ReplyDeleteधन्यवाद..
Deleteबढ़िया लेखन और बेहतर तरीके से आपने किताब का इस्तेमाल अपने सीखने के लिए किया | जैसे ही हम लक्ष्य को सिद्धांतों के साथ जोड़कर देखना शुरू करते हैं चीज़े आसान प्रतीत होने लगती हैं लेकिन लगन और मुसलसल कोशिश जरुरी पहलू है |
ReplyDeleteधन्यवाद सर ।
Deleteआपकी लिखने की शैली नि:संदेह बहुत ही बेहतरीन है और अब आपकी एक नई प्रतिभा देखने को मिली | बहुत ही शानदार स्केच बनाये हैं आपने |
ReplyDeleteएक पुस्तक का बेहतरीन उपयोग और उसके सिद्धांतों पर काम करना बहुत ही सराहनीय है |
बहुत-बहुत शुभकामनाएं |
आपने पढ़ने का समय निकाला धन्यवाद।
DeleteAmazing paintings...samay ka bahut acha upyog
ReplyDeleteधन्यवाद
Deleteबढ़िया अमृता जी
ReplyDeleteये पढ़कर मुझे लगता है कि मै भी हारमोनियम बजाना सीख पाऊंगा
बिल्कुल सीख जाओगे आज ही शुरु करना।
DeleteBhut accha mam
ReplyDeleteधन्यवाद।
Deleteधन्यवाद सर 🙏
ReplyDeleteVery true 👌👌
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