मैंने पहला काम जो विद्यालय में आकर प्राप्त किया वह था विज्ञान प्रयोगशाला प्रभार और प्रिंसिपल सर की आज्ञा से एक प्रयोगशाला कक्ष भी पा लिया। जिस पर काम करना शुरू किया लगभग अप्रैल तक हमारी लैब नए वैज्ञानिकों को तैयार करने के लिए सज चुकी थी जो कि मेरी और बच्चो की मनपसंद जगह है।
इसी बीच 25 मार्च से 27 मार्च तक गोविंद बल्लभ पंत पर्यावरण शोध संस्थान अल्मोड़ा में 4 बालिकाओं के साथ प्रतिभाग करने का मौका मिला जहां 3 दिन रहकर प्रकृति को देखने का उसकी संवर्धन का एक नया दृष्टिकोण मिला। वापस से विद्यालय आते ही मैंने बच्चों की मदद से अपने विद्यालय में एक पादप वाटिका लगा लगानी शुरू की नागराजा पादप वाटिका जो कि अभी बहुत छोटी है। पर पर्यावरण संरक्षण का एक बीज बच्चों के बाल मन पर अंकुरित जरूर करती होगी। रुद्रप्रयाग जनपद का पर्यावरण संरक्षण के लिए जाना जाने वाला विद्यालय राजकीय प्राथमिक विद्यालय कोट तल्ला गई वहां पर कम संसाधनों में किस प्रकार संसाधन प्रबंधन किया जा सकता है? यह सीखने का मौका श्री सतेंद्र भंडारी
जी से मिला। इसी बीच 12 अप्रैल को हमारी विज्ञान प्रयोगशाला में प्रोजेक्टर लगा जो कि निश्चित रूप से बच्चों को विज्ञान सीखने और सिखाने के लिए बहुत ज्यादा आवश्यक था जो गैलवे फाउंडेशन दिल्ली की मदद से हमारे विद्यालय को मिला। अप्रैल में सदन बने तो हमारे पास चंद्रकुवर बर्त्वाल सद्न आया जिसमें प्रार्थना गतिविधि को हमने संस्कृत में संचालित करने का निर्णय लिया। इसके अलावा अपने नन्हें वैज्ञानिकों को मंच देने के लिए मेरा मॉडल गतिविधि आरंभ की जिसमें बच्चे प्रार्थना स्थल पर अपना मॉडल प्रस्तुत करते हैं। इसी बीच इंस्पायर अवार्ड के लिए आईडिया देने की बात आई तो विद्यालय में आइडिया बॉक्स लगाया गया जिसकी आसपास बच्चे लगभग 1 हफ्ते तक मधुमक्खियो की तरह आते रहे और आइडियाज डालते जा रहे थे उनका जोश लेकर मैं बहुत उत्साहित थी।
20 मई को 6 आइडियाज को विद्यालय स्तर पर पुरस्कृत किया गया। इसके अलावा कुछ बच्चों को पौधों की देखभाल के लिए तथा मयंक को पवन की लिखने पढ़ने में मदद करने के लिए पुरस्कृत किया गया। प्रतिभा दिवस पर बच्चों के लिए क्राफ्ट पेपर उपलब्ध कराया तो उन्होंने विद्यालय का वह कोना जो सबसे गंदा रहता था उसको फूलों और तितलियों से भर दिया।मैं स्वयम को सौभाग्यशाली समझती हूं कि मुझे शुरुआत में ही अजीम प्रेमजी फाउंडेशन से जुड़ने का मौका मिला और 27 मई से 30 मई तक विज्ञान की पहली कार्यशाला में जाने का और सीखने का अवसर मुझे मिला। विज्ञान विषय की प्रयोगात्मक समझ विकसित करने के लिए। शिक्षकों के लिए यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण कार्यशाला थी जो कि मुझे बहुत पसंद आई।2 तारीख 2 तारीख जून को। पुनः मुझे मौका मिला अजीम प्रेमजी फाउंडेशन की कार्यशाला ड्रामा इन एजुकेशन में प्रतिभाग करने का जो 3 जून से 7 जून तक गैरसैंण में आयोजित की गई थी। इस कार्यशाला के बाद तो मुझे अपने शिक्षण और शिक्षा में एक नई विस्तार देखने का नजरिया मिला जो B.Ed M.Ed के दौरान हमने सैद्धांतिक रूप से सीखी थी उसको प्रयोग कैसे किया जाए यह सिखा।
उसके बाद जुलाई में नियमित कक्षा के बाद भी शाम को पर्याप्त समय मिलता था। इसी बीच अजीत ने पत्थर को पेंट करना शुरू किया। फिर तो बच्चों को जैसे पथरों में रंग भरना उनका शौक बन गया शाम के समय बच्चे आते विज्ञान प्रयोगशाला में रखे एक्वेरियम की मछलियों को देखते और पेंट करने लग जाते ।
इसी बीच विज्ञान महोत्सव की तैयारियां शुरू हुई तो विज्ञान प्रयोगशाला जैसे कलाकारों और वैज्ञानिकों से भर गई बच्चे कई कई घंटों मिलकर साथ साथ काम करने लगे और नई नई मॉडल तैयार करने लगे। 4 सितंबर को विद्यालय में विज्ञानमहोत्सव का आयोजन किया गया विद्यालय में प्रवक्ता भौतिकीश्री एम एस रावत जी ,प्रवक्ता जीव विज्ञान एमपी डिमरी जी तथा सीमा जी प्रव्कता रसायन द्वारा निर्णायक की निभाई गई और बहुत अच्छे से बच्चे एक दूसरे के सहयोग करते हुए दिखाई दिये।
24 सितंबर से 10 दिवसीय सेवारत प्रशिक्षण डाइट रतूडा द्वारा प्राप्त किया जहां पर बहुत सारे नए साथियों से परिचित होने का मौका मिला।
विज्ञान महोत्सव में 3 छात्रों ने जनपद स्तर पर प्रतिभाग किया जिसमें से एक छात्र को राज्य स्तर पर चयनित होने का मौका मिला। इसी बीच बाल विज्ञान कांग्रेस में अंजली और जितेंद्र ने जनपद स्तरीय प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया जिसमें से जितेंद्र को राज्य स्तर पर प्रतिभाग करने का अवसर प्राप्त हुआ ।
23 नवंबर 2019 को असीम प्रेमजी फाउंडेशन द्वारा हमारे विद्यालय में गांधीजी के जीवन पर आधारित फोटो और डॉक्यूमेंट्री प्रदर्शित की।
जिसे सभी बच्चों ने बड़े ध्यान से देखा और समझा। नवंबर में हमारे विद्यालय से 4 बच्चों का चयन इंस्पायर अवार्ड के लिए वह तो वह बहुत खुश थे जिनका नाम आया था उन्हीं में से एक छात्र सौरभ राज्य स्तरीय प्रतियोगिता की तैयारी कर रहा है।दिसंबर में विद्यालय में आनंदम की कक्षा। 6 से 8 तक वालों के लिए शुरू की गई मुझे प्रधानाचार्य जी द्वारा संचालित करने की जिम्मेदारी दी गई वह बातें जिन को करने का अवसर हम कक्षा कक्ष में नहीं निकाल पाते आनंदम में होने लगी और बच्चों के साथ में भी आनंदम में आनंद लेने लगी।
7 जनवरी से 9 जनवरी ड्रामा इन एजुकेशन की अजीम प्रेमजी द्वारा श्रीनगर में कार्यशाला आयोजित की गई। जहां पर प्रतिभाग करने का अवसर मिला और बहुत सारी नई तकनीकी और नए विचारों से परिचित होने का अवसर मिला।
इन सबके बीच 22 दिसंबर को जनपद के समस्त उत्कृष्ट शिक्षकों के साथ सम्मानित होने का मौका मिला। जिस पर बहुत सारे प्रश्न मुझसे पूछे गए यह सम्मान क्यों मिला जिसका जवाब मेरे पास भी नहीं था। पर मुझे अपने बच्चों से सम्मान विद्यालय में एक ही साल में बहुत बार मिल चुका है। जब कक्षा 8 की अम्बिका आँखो से कम दिखने वाली लड़की मंच पर आकर बोलती है नाचती है जब पवन जो लिख नहीं सकता गंदे कपड़े पहन कर आता था, आज लिखने पढ़ने के लिए उत्साहित है कक्षा 10 की एक लड़की मेरी आंखों में आंखें डाल कर विश्वास के साथ बोलती है आपको पता नहीं मैं आगे क्या करने वाली हूं और मुझे सर्वोत्कृष्ट सम्मान मिलता है जब सीखने सिखाने की प्रक्रिया में बच्चे भूल जाते हैं वे कहां हैं और मैम के बदले उनके मुंह से अनायास ही निकल पड़ता है 'मां'और फिर खुद ही हंस पड़ते हैं। इससे बड़ा कोई सम्मान हो नहीं सकता।
अमृता नौटियाल
स0 अ0 विज्ञान
रा0इ0का0 तैला सिलगढ़
जखोली रुद्रप्रयाग
Nice
ReplyDeleteWell done Mam..
ReplyDeleteआशा है आप आगे भी यूं ही अपने काम के लिए निष्ठावान बनी रहें | बच्चाें की व्यक्तिगत रूचियाे़ पर ध्यान देकर जाे काम आप कर रही हैं वह सराहनीय है|
बच्चों के साथ आपका साझे प्रयास ने रंग दिखाने शुरू कर दिए हैं। आपको शुभकामनाएं
ReplyDeleteमै आपकी कार्यशैली से परिचित हूँ ।अभी बहुत कुछ करना है आपको ।शानदार शुरूआत की बधाई
ReplyDeleteWelldone.keep it up.
ReplyDeleteअमृता जी .आप इस सम्मान के हकदार हो .आप जिस लगन व मेहनत से काम कर रही हैं.वो प्रेरणादायक है. इसे जारी रखिऐगा.
ReplyDeleteAppreciable task...
ReplyDeleteबहुआयामी प्रतिभासम्पन्न अमृता नौटियाल को बहुत बहुत शुभकामनाएं।
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ReplyDeleteKEEP DOING YOUR BEST WITH FULL ZEAL AND CONCERN
ReplyDeleteFabulous ,& highly praiseworthy .
ReplyDeleteThis is also inspiration to all the professionals to do something good.
Nice....
ReplyDeleteबहुत ही शानदार व विवेचना भी बहुत खूबसूरत
ReplyDeleteReally inspirational mam,I m already well acquainted to ur dedication & consistency,hope u will add few new chapters in the form of education & learning!!!!
ReplyDeleteआपके सारे सपने आपकी आंखों के सामने पूरे हो रहे हैं। लोग कहते हैं कि स्वर्ग कैसा होता होगा, पर आपके लिए ये सब स्वर्ग से भे बढ़ कर है।I appreciate your best efforts...
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