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Thursday, May 29, 2025

समर कैंप - पहला दिन 27 may 2025

🌞 समर कैंप की पहली किरण

स्थान: अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज, तैला सिलगढ़, जखोली, रुद्रप्रयाग
तिथि: 27 मई – 2 जून 2025


चार धाम की पुण्यभूमि में जब गर्मी की छुट्टियाँ आती हैं, तो बच्चों के लिए यह समय सिर्फ विश्राम का नहीं, सीखने और संवरने का होता है।
इसी भावना के साथ अटल उत्कृष्ट रा.इ.का. तैला सिलगढ़, जखोली में 27 मई से शुरू हुआ एक प्रेरणादायक समर कैंप।


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☀️ प्रथम दिवस की शुरुआत – सूर्य नमस्कार से


पहले दिन की शुरुआत ऊर्जा और अनुशासन के प्रतीक सूर्य नमस्कार से हुई। बच्चों को इसके 12 चरणों को विस्तार से समझाया गया:

1. प्रणामासन


2. हस्त उत्तानासन


3. पद हस्तासन


4. अश्व संचालनासन


5. दंडासन


6. अष्टांग नमस्कार


7. भुजंगासन


8. पर्वतासन


9. अश्व संचालनासन


10. पद हस्तासन


11. हस्त उत्तानासन


12. प्रणामासन



इस अभ्यास से बच्चों में मानसिक संतुलन, शारीरिक लचीलापन और अनुशासन का विकास हुआ।


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📚 संस्कृत गीत – मनसा सततं स्मरणीयम्

इसके बाद लगभग 60 बच्चे कैंप में शामिल हुए। बच्चों को "मनसा सततं स्मरणीयम्" नामक संस्कृत समूह गान यूट्यूब की सहायता से सिखाया गया।

इस गीत में लोकहित के प्रति समर्पण और समाजसेवी जीवन की प्रेरणा दी गई। इसके मुख्य भाव थे:

अपने सुख-दुख से ऊपर उठकर कार्य करना

विपत्तियों में भी समाज की सेवा करना

कठिन राहों में भी साथियों तक पहुंचना


गीत का सार:

> "लोकहितं मम करणीयम्" – समाज कल्याण ही मेरा कर्तव्य है।




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🍹 स्वाद और सहयोग – पकोड़ी और जूस का आनंद

गीत अभ्यास के बाद बच्चों ने पकोड़ी और जूस का स्वाद लिया, जो एक छोटा सा लेकिन आत्मीय ब्रेक था, जिसमें बच्चों ने परस्पर मेल-जोल बढ़ाया।


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🎭 रोल प्ले – उत्तराखंड पर्यटन पर आधारित नाटक

दिन की सबसे आकर्षक प्रस्तुति रही – "Helping the Pilgrims during Char Dham Yatra" नामक रोल प्ले, जिसमें 6-7 बच्चों ने भाग लिया। यह नाटक उत्तराखंड के चार धाम यात्रियों को दी जाने वाली मदद को दर्शाता है।

मुख्य पात्र:

रवि (छोटा बच्चा)

दादी (बुज़ुर्ग महिला)

पुलिस अंकल

डॉक्टर आंटी

पर्यटन अधिकारी

स्वयंसेवक छात्र

वाचक (Narrator)


दृश्य की झलकियाँ:

दादी के बीमार पड़ने पर रवि सहायता के लिए दौड़ता है

पुलिस, डॉक्टर और स्वयंसेवक की त्वरित सहायता

विश्राम टेंट, भोजन, गरम कपड़े और दिशा-निर्देश

अंत में एक सामूहिक संदेश:


> "आओ मिलकर मदद करें और चार धाम यात्रा को सभी के लिए सुरक्षित और सुखद बनाएं!"



यह नाटक बच्चों को न केवल अभिनय कौशल सिखाता है, बल्कि समाज सेवा, सहयोग, और उत्तराखंड की संस्कृति की जानकारी भी देता है।


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✨ समापन विचार

पहले दिन की गतिविधियाँ न केवल मनोरंजन से भरपूर थीं, बल्कि उनमें संस्कार, शारीरिक स्वास्थ्य, और सामाजिक चेतना भी निहित थी।

💬 बच्चों ने सीखा:

अनुशासन और ध्यान का महत्व

संस्कृत भाषा की मधुरता

समाज सेवा की भावना

चार धाम यात्रा की महत्ता और उससे जुड़ी जिम्मेदारियाँ



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👉 आने वाले दिनों में, बच्चों को और भी रचनात्मक गतिविधियाँ जैसे पर्यावरण जागरूकता, योग, कला, विज्ञान प्रदर्शन, और स्थानीय संस्कृति की कार्यशालाएं दी जाएँगी।

📅 जुड़े रहिए – समर कैंप 2025 की आगे की झलकियों के लिए!

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