आनन्दम पाठ्यचर्या की सहयोगी संस्था ड्रीम एंड ड्रीम द्वारा ऑनलाइन मीटिंग आयोजित की गई थी।इसकी जानकारी इमरान सर जो dream and dream foundation से हैं, के द्वारा दी गई थी। जिसमें सुचिता भट जो dream a dream foundation की सीईओ है, उनसे सर्वप्रथम परिचय हुआ जो लाइफ स्किल्स पर बहुत लंबे समय से काम कर रही है और विभिन्न देशों में काम कर रही हैं।
एक अलग अंदाज में परिचय-
उसके बाद स्वाती मैम ने अपना परिचय दिया और जो था वह बहुत ही रोचकता से शुरू होता है ।अपने नाम के आगे विशेषण लगाना था तो उन्होंने स्माइली स्वाती अपना परिचय दिया ।कुछ ऐसे थे आनंद भरी आनन्दी,पागल-परेशान पवन बहुत ही रोचक ...।
एक गतिविधि-
उसके बाद एक कागज पर अपने जीवन के चार पहलू शारीरिक,मानसिक,सन्वेगात्मक और आध्यात्मिक के चार कॉलम बनाने को कहा गया।प्रत्येक कॉलम में इस समय जो फील हो रहा था वो लिखना था,जो कुछ ऐसा था।
प्रत्येक भाव को अब 1-10 के बीच no देना था।किस भाव की मात्रा कितनी है जिससे प्रत्येक लाईन पर एक-एक डॉट बन गया।वो डॉट कनेक्ट करने को कहा गया।मेरे भावों का डॉट कुछ ऐसा था।
इसके बाद इसको एक अलग पेज पर बनाने को कहा गया जिसमें सबके बहुत सुन्दर मनो भाव स्पष्ट निकलकर आ रहे थे।किसी की बटरफ्लाई बनी थी। किसी किसी ने पत्थर बनाया था और किसी का स्टारफिश था तो हर किसी ने अलग तरीके से उसको प्रतिबिंबित किया था। अपने भावों को प्रतिबिंबित किया था अब उस कैरेक्टर को उसका नाम पूछना था ।उसमें अपने भाव ढूंढने थे और उससे बातचीत करनी थी। मेरा केरेक्टर कुछ ऐसा बना।जो चित्र बना था उसमें सभी साथी अपने मनोभावों को कागज पर उतरा हुआ देख पा रहे थे।
चित्र को पत्र -
अब तीन प्रश्नो पर विचार करते हुए अपने चित्र के लिए पत्र लिखना था ।प्रश्न कुछ ऐसे थे-
1. ऐसा क्या है जो वाकई अभी सुनना चाहते हैं।
2.ऐसा क्या करें जो हम अपने अंदर से अपने को मजबूत महसूस करें और उसको बढ़ा सकें।
3.अभी हमारे जीवन में क्या मिसिंग है,क्या खोया हुआ है जो हमें वापस पाना है?
ये पत्र उस चित्र से अपने से बातचीत करनी थी, उससे बातचीत करते उसको एक पत्र लिखना है। एक तरह से यह अपने आप से बातचीत थे। जो हम अक्सर समय नहीं निकाल पाते, हम दुनिया से बातचीत कर रहे होते हैं लेकिन स्वयं से हम बहुत कम ही बातचीत कर रहे थे और इस चित्र के माध्यम से यह बहुत अच्छे से उपाय और हम आसानी से अपने भावों को शब्दों में व्यक्त कर पाए। उसके बाद सभी साथियों ने अपने-अपने लेटर लिखे ।
फिर 3-3 के ग्रुप में सभी को ब्रेक आउट किया गया और वहां पर तीन- तीन लोग एक रूम में कनेक्ट हुए जिसमें 3 लोग आसानी से एक दूसरे से बातचीत कर पाए जो मेरा ग्रुप था। उसमें थे बागेश्वर डाइट से संदीप कुमार जोशी जी और दूसरी मैम देहरादून से थी ।संदीप संदीप कुमार ने बताया कि मैं चाहता हूं कि तुरंत पूरी दुनिया कोरोना से मुक्त हो जाए। दूसरा जो उन्होंने सवाल का जवाब था कि क्षेत्र में कुछ काम करना चाहते हैं और अपने संपर्क में आने वाले बच्चों को और सहयोगियों के साथ सहयोगी की भूमिका निभाना चाहते हैं। तीसरा जो उनको लगता है कि उनको लाइफ में वह बातचीत के माध्यम से निकाल पाए। वह था एक काम को शुरू करता हूं तो पूरा नहीं कर पाता हूं तो वह चाहते हैं कि मैं कुछ काम करूं तो उसको पूरा कर पाऊँ।
नेगी मैम देहरादून से थी कुछ परेशान महसूस कर रही थी खुद को मजबूत करना चाहती हैं और अपनी लेखन प्रतिभा को दुनिया के सामने लाना जाती हैं। फिर से हम पुराने अपने सभी बड़े ग्रुप में कनेक्ट हो गए।जहाँ पवन सर अपने चित्र पिल्ली को दिखा रहे थे। जिस पर जो कुछ इस तरह से उस पर कविता लिखी थी,कुछ रास्ते अलग है तेरे,
पर हमको एक दूसरे की जरूरत है।........
.................
तुम भी बदलोगे या फिर से मुझे बदलना है।
डॉ 0 अमिता मैम का समझदार लब्बू, मनीषा मैम का लायन सभी खास थे।
शैल्जा मैम ने चिड़ियों की आवाज,बच्चों की आवाज के बारे में अपने चित्र से बात की। अपने चित्र को अपना डर भी बताया लोग क्या कहेंगे इस डर से डरती हूँ।
शायद उनके चित्र ने ये ही बोला होगा
जब लोग तुम्हारे खिलाफ बोलने लगे, तब समझ लो तुम तरक्की कर रहे हो।
उसके बाद अन्तिम गतिविधि खास थी जिसमें उस पत्र में जो लिखा था उसको पूरा होते देखना था ।वो चित्र हमारे मन का आइना हमको वो सब दे रहा था जो हमको चाहिये।यह एक पूर्णता का अहसास था।अद्भुत..........।
कोरोना काल में लिखी गयी तनुजा जोशी मैम की सकारात्मक कविता और उनकी सुन्दर आवाज ने सबको आनंद से भर दिया।
इस तरह दो घण्टे हो गये अपनो के साथ और अपने साथ समय हवा की तरह निकल गया ।जीवन के मीठे अनुभवों की खुशबू देकर।धन्यवाद सुचिता मैम,स्वाती मैम,इमरान सर ,पवन सर ,dream a dream की पूरी टीम और आनन्दम् पाठ्यचर्या................।
No comments:
Post a Comment