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Friday, May 30, 2025

समर कैंप का तीसरा दिन 🏖️



समर कैंप का तीसरा दिन: एक नई भाषा से परिचय - कन्नड़!
 तारीख: 29 मई
🏫 स्थान: अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज, तैला

आज समर कैंप के तीसरे दिन बच्चों को एक नया और बेहद रोचक अनुभव मिला। विद्यालय में श्री राजेश मिश्रा जी का आगमन हुआ, जो कई वर्षों तक कर्नाटक में रहे हैं और जिन्हें कन्नड़ और तेलुगु दोनों भाषाओं का अच्छा ज्ञान है।

राजेश मिश्रा जी ने बच्चों को कन्नड़ भाषा की सुंदरता से परिचित कराया। उन्होंने न केवल बच्चों को सामान्य बोलचाल के शब्द और वाक्य सिखाए, बल्कि 1 से 40 तक गिनती भी कन्नड़ भाषा में बोलना सिखाया।

🌟 भाषा सीखने की प्रेरणा
राजेश जी ने बताया कि उन्हें साहित्य में विशेष रुचि रही है, और यह रुचि उन्हें उनके हिंदी के गुरु श्री श्रीकृष्ण भट्ट जी से मिली, जो उन्हें इंटरमीडिएट में पढ़ाते थे। उनका कहना था कि “कन्नड़ और हिंदी में कई समानताएं हैं”, जिससे बच्चों को भाषा समझने में आसानी हुई।

🔢 1 से 40 तक गिनती (कन्नड़ रोमन और हिंदी में)
हिंदी कन्नड़ (रोमन)
1 ondu
2 eradu
3 mooru
4 naalku
5 aidu
6 aaru
7 elu
8 entu
9 ombattu
10 hattu
11 hannondhu
12 hanneraḍu
13 hadhimooru
14 hadhinaalku
15 hadhinaidu
16 hadhinaru
17 hadhinelu
18 hadhinentu
19 hathombhathu
20 ippattu
21 ippathondhu
22 ippateraḍu
23 ippathmooru
24 ippathnaalku
25 ippathaidu
26 ippathaaru
27 ippathelu
28 ippathentu
29 ippathombhathu
30 moovattu
31 moovathondhu
32 moovatheraḍu
33 moovathmooru
34 moovathnaalku
35 moovathaidu
36 moovathaaru
37 moovathelu
38 moovathentu
39 moovathombhathu
40 नलवाट्टू


💬 सामान्य बोलचाल के वाक्य (हिंदी और कन्नड़ रोमन में)
हिंदी में वाक्य कन्नड़ (रोमन) में अनुवाद
नमस्ते Namaskāra
आप कैसे हैं? Neenu hegiddīra?
मेरा नाम अमित है। Nanna hesaru Amit.
आप कहाँ रहते हैं? Neenu elli vāsisuttiddīra?
मुझे कन्नड़ थोड़ी-थोड़ी आती है। Nanage swalpa swalpa kannaḍa barutte.
धन्यवाद Dhanyavāda
कृपया Dayavittu
क्या आप मेरी मदद करेंगे? Neenu nanna sahāya māḍtīra?
यह कितना मूल्य है? Idakke eshtu bele?
अलविदा Vandanegaḷu / Hōguttēne
🎯 निष्कर्ष
इस तरह आज के दिन बच्चों ने न केवल एक नई भाषा के शब्द और वाक्य सीखे, बल्कि भाषाओं के प्रति रुचि और आदर का भी अनुभव किया। राजेश मिश्रा जी जैसे प्रेरणास्रोत के मार्गदर्शन में यह दिन बच्चों के लिए अविस्मरणीय बन गया।

कल फिर मिलेंगे एक नई गतिविधि के साथ!


समर कैंप का दूसरा दिन 28 मई 2025



🌞 समर कैंप – दूसरा दिन: ध्यान, रंग और सुरों की छाया में
तारीख: 28 मई
🏫 स्थान: अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज, तैला

समर कैंप का दूसरा दिन न केवल ऊर्जा से भरा रहा, बल्कि बच्चों के मन, शरीर और आत्मा—तीनों को जोड़ने का अवसर भी बना।

🌄 सवेरा सूर्य नमस्कार के साथ
दिन की शुरुआत हुई सूर्य नमस्कार से — एक प्राचीन भारतीय अभ्यास जिसने बच्चों को शारीरिक जागरूकता और मानसिक स्थिरता का अनुभव कराया। प्रशिक्षकों के निर्देशन में बच्चों ने उत्साह से 12 योगासन वाले इस क्रम को दोहराया।
यह न केवल स्वास्थ्यवर्धक रहा, बल्कि अनुशासन और ध्यान का अभ्यास भी बना।

🧘‍♀️ “जब शरीर झुकता है, मन उठता है।” – यही अनुभव रहा आज सुबह।

🎨 स्टोन माइंडफुल पेंटिंग: चट्टानों पर बिखरे भाव
इसके बाद आई एक अनूठी गतिविधि – "स्टोन माइंडफुल पेंटिंग"। बच्चों को छोटे-छोटे पत्थर दिए गए, जिन पर वे अपने मन के रंग भर सकते थे।
इस अभ्यास का उद्देश्य था ध्यान केंद्रित करना, अंदर की भावनाओं को बाहर लाना, और स्वयं को रंगों में व्यक्त करना।

🖌️ बच्चों की रचनात्मकता में झलकी:
किसी ने पत्थर पर सूरजमुखी उकेरा, किसी ने सांझ का आकाश।

एक बच्चे ने लिखा – “Smile more”, तो दूसरे ने शांति का चिन्ह बनाया।

कुछ बच्चों ने अपनी कल्पनाओं से चट्टानों को प्यारे जीव-जंतुओं में बदल दिया।

इस प्रक्रिया ने बच्चों को यह सिखाया कि "रंगों से बातचीत" भी एक प्रकार का ध्यान है।

🎨 “हर पत्थर अब एक कहानी कहता है।”

🎶 मनसा सत्तम स्मरणीयम् – सामूहिक साधना की शक्ति
दिन के अंतिम सत्र में बच्चों ने संस्कृत समूहगान "मनसा सत्तम् स्मरणीयम्" का अभ्यास किया। यह न केवल एक गान था, बल्कि एक सांस्कृतिक साधना भी थी।

इस अभ्यास से बच्चों में:
सुर और लय की समझ बढ़ी,

समूह में गाने का अनुशासन विकसित हुआ,

और सबसे बढ़कर, उन्हें संस्कृत भाषा की शब्द-शक्ति का अनुभव हुआ।

🎵 “समूहगान में स्वर मिलाना, आत्माओं का जुड़ जाना है।”

🌟 निष्कर्ष
समर कैंप का दूसरा दिन एक संतुलित संगम था – शरीर की शक्ति, मन की शांति और आत्मा की सरगम का।

सूर्य नमस्कार ने ऊर्जा दी, पेंटिंग ने भावनाओं को रंगा और गीत ने आत्मा को जोड़ा।

इस अनुभव ने बच्चों को एक नए दृष्टिकोण से स्वयं को जानने और अभिव्यक्त करने का अवसर दिया।

Thursday, May 29, 2025

समर कैंप - पहला दिन 27 may 2025

🌞 समर कैंप की पहली किरण

स्थान: अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज, तैला सिलगढ़, जखोली, रुद्रप्रयाग
तिथि: 27 मई – 2 जून 2025


चार धाम की पुण्यभूमि में जब गर्मी की छुट्टियाँ आती हैं, तो बच्चों के लिए यह समय सिर्फ विश्राम का नहीं, सीखने और संवरने का होता है।
इसी भावना के साथ अटल उत्कृष्ट रा.इ.का. तैला सिलगढ़, जखोली में 27 मई से शुरू हुआ एक प्रेरणादायक समर कैंप।


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☀️ प्रथम दिवस की शुरुआत – सूर्य नमस्कार से


पहले दिन की शुरुआत ऊर्जा और अनुशासन के प्रतीक सूर्य नमस्कार से हुई। बच्चों को इसके 12 चरणों को विस्तार से समझाया गया:

1. प्रणामासन


2. हस्त उत्तानासन


3. पद हस्तासन


4. अश्व संचालनासन


5. दंडासन


6. अष्टांग नमस्कार


7. भुजंगासन


8. पर्वतासन


9. अश्व संचालनासन


10. पद हस्तासन


11. हस्त उत्तानासन


12. प्रणामासन



इस अभ्यास से बच्चों में मानसिक संतुलन, शारीरिक लचीलापन और अनुशासन का विकास हुआ।


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📚 संस्कृत गीत – मनसा सततं स्मरणीयम्

इसके बाद लगभग 60 बच्चे कैंप में शामिल हुए। बच्चों को "मनसा सततं स्मरणीयम्" नामक संस्कृत समूह गान यूट्यूब की सहायता से सिखाया गया।

इस गीत में लोकहित के प्रति समर्पण और समाजसेवी जीवन की प्रेरणा दी गई। इसके मुख्य भाव थे:

अपने सुख-दुख से ऊपर उठकर कार्य करना

विपत्तियों में भी समाज की सेवा करना

कठिन राहों में भी साथियों तक पहुंचना


गीत का सार:

> "लोकहितं मम करणीयम्" – समाज कल्याण ही मेरा कर्तव्य है।




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🍹 स्वाद और सहयोग – पकोड़ी और जूस का आनंद

गीत अभ्यास के बाद बच्चों ने पकोड़ी और जूस का स्वाद लिया, जो एक छोटा सा लेकिन आत्मीय ब्रेक था, जिसमें बच्चों ने परस्पर मेल-जोल बढ़ाया।


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🎭 रोल प्ले – उत्तराखंड पर्यटन पर आधारित नाटक

दिन की सबसे आकर्षक प्रस्तुति रही – "Helping the Pilgrims during Char Dham Yatra" नामक रोल प्ले, जिसमें 6-7 बच्चों ने भाग लिया। यह नाटक उत्तराखंड के चार धाम यात्रियों को दी जाने वाली मदद को दर्शाता है।

मुख्य पात्र:

रवि (छोटा बच्चा)

दादी (बुज़ुर्ग महिला)

पुलिस अंकल

डॉक्टर आंटी

पर्यटन अधिकारी

स्वयंसेवक छात्र

वाचक (Narrator)


दृश्य की झलकियाँ:

दादी के बीमार पड़ने पर रवि सहायता के लिए दौड़ता है

पुलिस, डॉक्टर और स्वयंसेवक की त्वरित सहायता

विश्राम टेंट, भोजन, गरम कपड़े और दिशा-निर्देश

अंत में एक सामूहिक संदेश:


> "आओ मिलकर मदद करें और चार धाम यात्रा को सभी के लिए सुरक्षित और सुखद बनाएं!"



यह नाटक बच्चों को न केवल अभिनय कौशल सिखाता है, बल्कि समाज सेवा, सहयोग, और उत्तराखंड की संस्कृति की जानकारी भी देता है।


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✨ समापन विचार

पहले दिन की गतिविधियाँ न केवल मनोरंजन से भरपूर थीं, बल्कि उनमें संस्कार, शारीरिक स्वास्थ्य, और सामाजिक चेतना भी निहित थी।

💬 बच्चों ने सीखा:

अनुशासन और ध्यान का महत्व

संस्कृत भाषा की मधुरता

समाज सेवा की भावना

चार धाम यात्रा की महत्ता और उससे जुड़ी जिम्मेदारियाँ



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👉 आने वाले दिनों में, बच्चों को और भी रचनात्मक गतिविधियाँ जैसे पर्यावरण जागरूकता, योग, कला, विज्ञान प्रदर्शन, और स्थानीय संस्कृति की कार्यशालाएं दी जाएँगी।

📅 जुड़े रहिए – समर कैंप 2025 की आगे की झलकियों के लिए!