🌞 समर कैंप – दूसरा दिन: ध्यान, रंग और सुरों की छाया में
तारीख: 28 मई
🏫 स्थान: अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज, तैला
समर कैंप का दूसरा दिन न केवल ऊर्जा से भरा रहा, बल्कि बच्चों के मन, शरीर और आत्मा—तीनों को जोड़ने का अवसर भी बना।
🌄 सवेरा सूर्य नमस्कार के साथ
दिन की शुरुआत हुई सूर्य नमस्कार से — एक प्राचीन भारतीय अभ्यास जिसने बच्चों को शारीरिक जागरूकता और मानसिक स्थिरता का अनुभव कराया। प्रशिक्षकों के निर्देशन में बच्चों ने उत्साह से 12 योगासन वाले इस क्रम को दोहराया।
यह न केवल स्वास्थ्यवर्धक रहा, बल्कि अनुशासन और ध्यान का अभ्यास भी बना।
🧘♀️ “जब शरीर झुकता है, मन उठता है।” – यही अनुभव रहा आज सुबह।
🎨 स्टोन माइंडफुल पेंटिंग: चट्टानों पर बिखरे भाव
इसके बाद आई एक अनूठी गतिविधि – "स्टोन माइंडफुल पेंटिंग"। बच्चों को छोटे-छोटे पत्थर दिए गए, जिन पर वे अपने मन के रंग भर सकते थे।
इस अभ्यास का उद्देश्य था ध्यान केंद्रित करना, अंदर की भावनाओं को बाहर लाना, और स्वयं को रंगों में व्यक्त करना।
🖌️ बच्चों की रचनात्मकता में झलकी:
किसी ने पत्थर पर सूरजमुखी उकेरा, किसी ने सांझ का आकाश।
एक बच्चे ने लिखा – “Smile more”, तो दूसरे ने शांति का चिन्ह बनाया।
कुछ बच्चों ने अपनी कल्पनाओं से चट्टानों को प्यारे जीव-जंतुओं में बदल दिया।
इस प्रक्रिया ने बच्चों को यह सिखाया कि "रंगों से बातचीत" भी एक प्रकार का ध्यान है।
🎨 “हर पत्थर अब एक कहानी कहता है।”
🎶 मनसा सत्तम स्मरणीयम् – सामूहिक साधना की शक्ति
दिन के अंतिम सत्र में बच्चों ने संस्कृत समूहगान "मनसा सत्तम् स्मरणीयम्" का अभ्यास किया। यह न केवल एक गान था, बल्कि एक सांस्कृतिक साधना भी थी।
इस अभ्यास से बच्चों में:
सुर और लय की समझ बढ़ी,
समूह में गाने का अनुशासन विकसित हुआ,
और सबसे बढ़कर, उन्हें संस्कृत भाषा की शब्द-शक्ति का अनुभव हुआ।
🎵 “समूहगान में स्वर मिलाना, आत्माओं का जुड़ जाना है।”
🌟 निष्कर्ष
समर कैंप का दूसरा दिन एक संतुलित संगम था – शरीर की शक्ति, मन की शांति और आत्मा की सरगम का।
सूर्य नमस्कार ने ऊर्जा दी, पेंटिंग ने भावनाओं को रंगा और गीत ने आत्मा को जोड़ा।
इस अनुभव ने बच्चों को एक नए दृष्टिकोण से स्वयं को जानने और अभिव्यक्त करने का अवसर दिया।
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